ओबीसी आरक्षण में चली आ रही विसंगतियों को दूर करवाने और ओबीसी आरक्षण की विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के नेतृत्व में ओबीसी युवा मोर्चा ने आंदोलन का आगाज कर दिया है.
- ओबीसी आरक्षण में चली आ रही विसंगतियों को दूर करवाने और ओबीसी आरक्षण की विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के नेतृत्व में ओबीसी युवा मोर्चा ने आंदोलन का आगाज कर दिया है. भर्तियों में पूरा 21 फीसदी आरक्षण देने सहित ओबीसी वर्ग में बैकलॉग सीटों को भरने के विरोध सहित विभिन्न मांगों को लेकर आज शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में प्रदेशभर के ओबीसी बेरोजगार एकीकृत हुए. एक दिवसीय धरना और आंदोलन के बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई.
हर भर्ती में ओबीसी आरक्षण के तहत आने वाले पदों में में कटौती का विरोध लम्बे समय से देखने को मिल रहा है. वहीं, पिछले दिनों भी प्रदेश में हुई तमाम भर्तियों में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को इस समस्या का सामना करना पड़ा. पुलिस विभाग में हुई भर्ती में ओबीसी अभ्यर्थियों के पदों को एक्स सर्विसमैन के पदों से भरने का विरोध भी देखने को मिला था.
- इसके साथ ही ओबीसी के अलावा सामान्य वर्ग में सलेक्ट होने वाले अभ्यर्थियों को भी ओबीसी वर्ग में शामिल करने का विरोध देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही क्रीमीलेयर की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर आज से आंदोलन की शुरुआत की गई है.
धरने का समर्थन करने पहुंचे यादव महासभा अध्यक्ष डॉ. कर्ण सिंह यादव और जाट महासभा अध्यक्ष राजाराम मील ने बताया कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सालों के संघर्ष किया जा रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी अपनी मनमर्जी से इस आरक्षण में छेड़छाड़ करते रहते हैं, जिसके चलते ओबीसी युवाओं को उनका हक नहीं मिल पा रहा है, इसके साथ ही ओबीसी को 21 फीसदी आरक्षण दिया हुआ है, लेकिन तमाम भर्तियों में ये 21 फीसदी आरक्षण पूरी तरह से युवाओं को नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते ओबीसी युवा नौकरी लगने से वंचित रह रहे हैं. इसलिए सरकार से मांग है की ओबीसी को पूरा 21 फीसदी आरक्षण दिया जाए. साथ ही आरक्षण से छेड़छाड़ करके मनमर्जी करने वाले अधिकारियों पर भी सरकार कठोर कार्रवाई करे.
- राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि ओबीसी वर्ग की पीड़ा कई बार सरकार और अधिकारियों तक पहुंचाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक भी कोई समाधान नहीं हुआ है. ओबीसी वर्ग को अपने हक का 21 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए. साथ ही प्रदेश में जो करीब 1 लाख भर्ती प्रक्रिया पाइप लाइन में है उनमें भी बेरोजगारों को उनका हक मिलना चाहिए.