Mulnivasi

Education Information Provider For Jobs And Yojana

मानसिक गुलामी किसे कहते है ?

मानसिक गुलामी किसे कहते है ? आइए इस लेख के द्वारा मानसिक गुलामी को समझने की कोशिस करते है अगर आपको पसंद आए तो हमारे और मूलनिवासी भाइयो तक यह संदेश पहुचाने में हमारी मदद करे।

मानसिक गुलामी किसे कहते है ?

  1.  सही मायने में गुलामी उसे कहते हैं की बिना सत्य की खोज किए, किसी भी बात पर बिना बहस किए उसे स्वीकार कर लेना।
  2.  संसार की किसी भी घटना के पीछे कोई ना कोई कारण होता है, बिना कारण के कोई भी घटना घट नहीं सकती लेकिन उस कारण का पता ना लगाते हुए काल्पनिक बातों पर विश्वास कर लेना गुलामी है।
  3.  संसार को बनाने वाली कोई चमत्कारिक दिव्य शक्ति है इस बात को मान लेना गुलामी हैै।
  4.  जिन पत्थरों में जान नहीं होती ऐसे निर्जीव पत्थरों को सर्वशक्तिमान मानकर उनके आगे सिर झुकाना गुलामी है।
  5.  कागज पर, पत्थर पर, लकड़ी पर या किसी धातु पर कलाकारों द्वारा बनाई गई मूर्तियों के आगे सिर झुकाना, उन्हें अपना दुखड़ा सुनाना, उनके सामने याचना करना गुलामी है।
  6.  दुनिया में जितनी भी जरूरत की चीजें हैं सभी विज्ञान ने दी हैं, विज्ञान को ना मानते हुए काल्पनिक शक्तियों पर भरोसा करना गुलामी हैै।
  7.  छह विकारों जैसे ”काम, क्रोध, मद, मोह, लोभ और मत्सर” इनके पीछे सारी जिंदगी भागते रहना गुलामी है।

मानसिक गुलामी

इन सभी गुलामी को मानसिक गुलामी कहते है। मानसिक गुलाम व्यक्ति जानवर की भांति जिंदगी जीता है। मानसिक रुप से गुलाम व्यक्ति समाज में प्रेम, मानवता और भाईचारे की जगह नफरत, हिंसा और दुश्मनी ही पैदा करता हैं और फैलाता है।

अगर पोस्ट पसंद आई हो तो और मूलनिवासी भाईओ तक पहोंचाने में मदद करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मूलनिवासी © 2022 Frontier Theme